अक्षय तृतीया का पर्व वैशाख शुक्ल तृतीया तिथि पर मनाया जाता है, इस साल यह पर्व 7 मई के दिन मनाया जाएगा। इस दिन स्नान, जप, तप, होम, स्वाध्याय, पितृ-तर्पण तथा दान आदि करने वालों को महाभाग अक्षय पुण्यफल मिलता है। अक्षय तृतीया के दिन देवी लक्ष्मी की पूजा अर्चना की जाती है।
अक्षय तृतीया के दिन के लिए माना जाता है कि इस दिन खरीदे गए कपड़े, आभूषण, ज़मीन और वाहन का दीर्घकालीन लाभ मिलता है। इसके साथ ही इस दिन खास तौर पर सोना खरीदा जाता है। अक्षय तृतीया के दिन लक्ष्मी-नारायण का व्रत, पूजा व उपाय करने से जीवन से दरिद्रता दूर होती है, पारिवारिक समृद्धि के साथ साथ पैसे की कमी भी दूर होती है।
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पू जा विधि - अक्षय तृतीया के दिन घर के मंदिर में ईशान कोण में लाल कपड़ा बिछाकर, भगवान लक्ष्मी-नारायण के की मूर्ति स्थापित कर विधिवत पूजन करें। कांसे के दिये में गाय के घी का दीपक जलाएं, सुगंधित धूप जलाए, गोलोचन से तिलक करें, अक्षत, रोली, सिंदूर, इतर, अबीर गुलाल आदि 16 चीजों से देवी का षोडशोपचार पूजन करें। पूजा के बाद भगवान लक्ष्मी-नारायण को चावल की खीर का भोग लगाएं तथा पूजा के बाद भोग को प्रसाद स्वरूप वितरित करें।
अक्षय तृतीया के दिन भगवान लक्ष्मी-नारायण को प्रसन्न करने के लिए इस मंत्र का जाप 108 बार करें। मंत्र - ह्रीं श्रीं लक्ष्मी नारायणाय नमः॥
उपाय
- जीवन से पैसे की कमी दूर करने के लिए लक्ष्मी-नारायण पर 5 रूपये का सिक्का चढ़ा कर पर्स में रखें।
- पारिवारिक समृद्धि के लिए लक्ष्मी-नारायण पर मूंग चढ़ा कर किचन में स्थापित करें।
- दरिद्रता से मुक्ति के लिए लक्ष्मी-नारायण पर चढ़ी पीली कौड़ी में से 12 कौड़ी को तिजोरी में रखें।
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