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Saturday, 27 April 2019

शिव मंदिर में नंदी के कानों में क्यों कही जाती है मनोकामनाएं!

अगर आप कभी शिव मंदिर गए होंगे, तो ज़रूर ध्यान दिए होंगे कि लोग भगवान शिव के साथ-साथ उनके सामने बैठे नंदी की पूजा करते हैं और साथ ही उनके कानों में अपनी-अपनी मनोकामनाएं भी बोलते हैं। यह एक तरह की परंपरा सी बन गई है, जिसपर लोगों की आस्था और विश्वास बना हुआ है।


आज वेद संसार आपको नंदी से जुड़ी इस परंपरा के पीछे की वजह बताने जा रहा है, जिसे जानकर आप भी हैरान ज़रूर से हो जाएंगे –

नंदी के कान में क्यों कही जाती है मनोकामनाएं


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जहां भी शिव मंदिर है वहां नंदी की स्थापना भी जरूर से की जाती है, क्योंकि नंदी भगवान शिव के परम भक्त माने जाते हैं। जब भी कोई व्यक्ति शिव मंदिर में आता है, तो वह नंदी के कान में अपनी मनोकामना ज़रूर कहता है। इसके पीछे की मान्यता यह है कि भगवान शिव एक तपस्वी हैं और वह हमेशा समाधि में ही रहते हैं। ऐसे में उन तक हमारे मन की बात शायद ही या यूं कहे कि नहीं पहुंच पाती। ऐसी स्थिति में नंदी ही हमारी मनोकामनाओं को भगवान शिवजी तक पहुंचाते हैं। यही कारण है लोग नंदी को अपनी मनोकामनाएं कहते हैं ताकि वह जल्द से जल्द पूरी हो जाए।

भगवान शिव के अवतार हैं नंदी

दरअसल, शिलाद नाम के एक मुनि हुआ करते थे, जो ब्रह्मचारी थे। वंश समाप्त होता देख उनके पितरों ने उनसे संतान उत्पन्न करने को कहा। शिलाद मुनि ने संतान भगवान शिव को खुश कर अयोनिज और मृत्युहीन पुत्र की मांग की। भगवान शिव ने शिलाद मुनि को यह वरदान भी दे दिया। वहीं, एक दिन जब शिलाद मुनि भूमि जोत रहे थे तभी उन्हें एक बालक मिला। शिलाद ने उसका नाम नंदी रख दिया।
एक दिन की बात है जब मित्रा और वरुण नाम के दो मुनि शिलाद के आश्रम आ पहुंचे। उन्होंने बताया कि नंदी जो है वह अल्पायु हैं। यह सुनकर नंदी महादेव की आराधना करने में जुट गए। नंदी की अराधना से भगवान शिव बेहद प्रसन्न हुए और उनके सामने प्रकट भी हुए… साथ ही कहा कि तुम मेरे ही अंश हो, इसलिए तुम्हें मृत्यु से भय कैसे हो सकता है??? बस यह बात कहकर भगवान शिव ने नंदी का अपना गणाध्यक्ष बना लिया।

नंदी किसके हैं प्रतीक

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि नंदी पवित्रता, विवेक, बुद्धि और ज्ञान के प्रतिक माने जाते हैं। नंदी का हर क्षण भगवान शिव को ही समर्पित है और वह सारे मनुष्य को भी यही शिक्षा देते हैं कि वह अपना हर समय भगवान शिव को ही अर्पित करता रहे बाकि भगवान उसका ध्यान ज़रूर से रखेंगे और आपकी हर छोटी व बड़ी इच्छाएं पूरी करेंगे।

शिव मंदिर जाए तो ना भूलें यह बातें

अब जब आप कभी भगवान शिव के मंदिर जाते हैं तो भगवान शिव की पूजा के साथ-साथ नंदी की भी पूजा करना ना भूलें। नंदी की पूजा बड़े ही प्रेम से और सच्चे दिल से करें और साथ ही मंदिर से लौटते समय नंदी के कानों में अपनी मनोकामनाएं ज़रूर कहेंं… देखिएगा आपकी मनोकामनाएं अवश्य बहुत जल्दी पूरी हो जाएगी। - sOURCE

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