हमारे हिंदू धर्म में कुल सोलह (16) संस्कार माने गए हैं, जिसमें व्यक्ति की मृत्यु हो जाने के बाद अंतिम संस्कार यानि कि 16वें संस्कार की क्रियाएं की जाती हैं। आपने नोटिस किया होगा कि जब घर में किसी सदस्य की मौत हो जाती है, तो मरने के बाद उसकी अंतिम यात्रा निकाली जाती है और फिर उनका दाह संस्कार किया जाता है।
वहीं, मृत व्यक्ति की शव यात्रा और अंतिम संस्कार में परिवार के सभी पुरुष शामिल होते हैं, लेकिन घर की कोई भी महिलाएं इस अंतिम क्रिया में शामिल नहीं होती हैं। क्या कभी आपके मन में कभी यह सवाल आया है कि आखिर ऐसा क्यों है कि महिलाएं दाह संस्कार में हिस्सा नहीं ले सकती है???
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आज वेद संसार आपको बताने जा रहा है कि शमशान घाट में महिलाओं का जाना वर्जित क्यों हैं, जानें इसके पीछे छुपे यह 4 प्रमुख कारण –
• दरअसल, ऐसी मान्यता है कि श्मशान घाट पर हमेशा नकारात्मक ऊर्जाएं फैली हुई रहती है। महिलाएं अगर श्मशान घाट जाएंगी तो नकारात्मक ऊर्जा आसानी से उनके शरीर के अंदर प्रवेश कर सकता है और ऐसा इसलिए होता है क्योंकि स्त्रियां कोमल ह्रदय की मानी जाती है। हालांकि नकारात्मक ऊर्जा से उनके अंदर कई सारी बीमारियां फैलने की संभावना ज्यादा होती है।
• यही नहीं, महिलाओं का मन बहुत कमजोर और कोमल होता है और ऐसे में श्मशान में जो दृश्य होते हैं उसको देखकर वह अपने आपको विलाप करने से नहीं रोक पाएंगी। श्मशान में ऐसे मृत व्यक्ति के सामने महिलाओं के रोने-धोने से मृत आत्मा को भी दुख पहुंचता हैं। बस इस एक कारण से भी महिलाएं श्मशान में नहीं जाती हैं।

• दोस्तों बात अगर हमारी हिंदू मान्यताओं की करें तो उसके अनुसार अंतिम संस्कार में परिवार के सदस्यों को अपने बाल तक कटवाने पड़ते हैं और शव के जलते समय वातावरण में कीटाणु आसनी से फैल जाते हैं और शरीर के कोमल हिस्सों में जाकर चिपक जाते हैं, इसलिए श्मशान में बाल कटवाने के बाद स्नान ज़रूर किया जाता है जबकि महिलाओं के मुंडन को शुभ नहीं माना जाता है।
• मान्यता तो यह भी है कि श्मशान घाट पर मृत आत्माएं हमेशा ही भटकती रहती हैं और ऐसे में महिलाओं के शरीर में इन आत्माओं के प्रवेश होने की संभवानाएं सबसे ज्यादा रहती है, इसलिए श्मशान में महिलाओं के जाने पर पाबंदी होती है।
तो दोस्तों, अब जब आप महिलाओं के शमशान के अंदर नो एंट्री की बात जान गए हैं, तो उम्मीद है कि आप ज्यादा-से-ज्यादा लोगों के बीच इस बात की जानकारी देंगे। - Source
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