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Wednesday 13 June 2018

आँखों का कमजोर होना और बालों का पकना रोककर पूरे शरीर को ओजस्वी बना देती है यह ओजस्वी वटी


कहते हैं शरीर बूढ़ा नही होता बस धीरे धीरे उसके बूढ़े होने के लक्षण पैदा होते जाते हैं और शरीर का ओज घटकर बूढ़ापे के लक्षण शरीर में पैदा होने लगते हैं । इन लक्षणों में प्रमुख हैं आँखों की रोशनी कमजोर पड़ जाना, बालों का पक जाना, शरीर के ओज का नाश होकर सम्पूर्ण शरीर की कांती नष्ट हो जाना आदि । इस लेख में हम आपको एक ऐसी ओजस्वी वटी बनाने का तरीका बता रहे हैं जो शरीर में दोबारा ओज जागृत करके आपको युवा बना देगी । बनाने का तरीका हम आपको बता रहे हैं आप अपने घर पर ही इसको बना सकते हैं ।

ओजस्वी वटी बनाने के लिये जरूरी सामग्री :-

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इस ओजस्वी वटी को बनाने के लिये आपको चाहिये अश्वगन्धा 100 ग्राम, ताजे ऑवलों का निकाला गया जूस लगभग 50 मिलीलीटर और देशी गाय के दूध से बना देशी घी लगभग 10 ग्राम । ध्यान रखियेगा कि अश्वगन्धा उत्त्म क्वालिटी का हो और उसमें घुन और कीड़े ना लगे हुये हों । अश्वगन्धा आपको अपने आसपास किसी जड़ी बूटी वाले की दुकान पर बहुत आसानी से मिल जायेगा ।

ओजस्वी वटी बनाने का तरीका :-

सबसे पहले अश्वगन्धा को कड़ी धूप में सुखाकर पूरी तरह कड़क कर लें । कड़क होने का लक्षण यह है कि इसको बीच में से तोड़ने पर चटाक की आवाज आती है । जब यह पूरी तरह से सूख कर कड़क हो जाये तो इसको इमामदस्ते में दरदरा कूट कर मिक्सी में चला लें । आपको गेहूँ के आटे जैसा सफेद चूर्ण मिल जायेगा । इस चूर्ण को सूती कपड़े में से छान कर महीन चूर्ण प्राप्त कर लें । यह महीन चूर्ण हमको 100 ग्राम चाहिये । अब इसको एक खरल में डालकर इसमें लगभग 25 मिलीलीटर ऑवले का रस मिला लें और इसको घोटना शुरू करें । इस तरह हर 5 मिनट के बाद इसमें 5 मीलीलीटर ऑवले का रस मिलाते जायें और घोटते जायें । आखिरी बार ऑवले का रस मिलाकर इसको त्ब तक घोटते रहें जब तक कि रस सूखने ना लगे । इस सम्पूर्ण प्रक्रिया में लगभग साठ से अस्सी मिनट का समय लगेगा । जब ये रस सूखने लगे तो इसमें गाय के दूध से बना देशी घी मिलाकर दोबारा 15 मिनट के लिये घोटिये । उसके बाद जो पेस्ट जैसा पदार्थ आपके पास बचेगा उससे एक एक ग्राम की गोलियॉ बना कर छाया में सुखा लें । धूप में सुखाने से घी का सँयोग होने के कारण सूखने में समस्या आयेगी । जब गोलियॉ सूखकर कठोर हो जायें तो इनको काँच की एयर टाईट शीशी में भर लें । इसी अनुपात में ज्यादा सामान लेकर ज्यादा गोलियॉ भी तैयार की जा सकती हैं । बस इतना ध्यान रखना कि घुटाई का इस प्रयोग में विशेष महत्तव है इसलिये घुटाई का समय ना कम करें ।

ओजस्वी वटी सेवन करने का तरीका :-

12 साल से छोटे बच्चों को एक गोली रोज केवल एक बार और बड़े लोगों को एक-एक गोली रोज दो बार ताजे पानी अथवा गाय के दूध के साथ सेवन करवायें । इसके सेवन काल में मिर्च मसाले दार और नशे की चीजों का सेवन नही करना चाहिये ।
ओजस्वी वटी का सेवन करने से हमारी समझ में कोई नुक्सान नही होता है फिर भी आपके आयुर्वेदिक चिकित्सक के परामर्श के बाद ही इसको सेवन करने की हम आपको सलाह देते हैं ।
ओजस्वी वटी की जानकारी वाला यह लेख आपको अच्छा और लाभकारी लगा हो तो कृपया लाईक और शेयर जरूर कीजियेगा । आपके एक शेयर से किसी जरूरतमंद तक सही जानकारी पहुँच सकती है और हमको भी आपके लिये और बेहतर लेख लिखने की प्रेरणा मिलती है ।

1 comment:

  1. ओजस्वी वटी किसी कंपनी की नहीं आती क्या बनी बनाई

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