दोस्तों जैसा कि आप सभी जानते ही है कि तुलसी का पौधा सबसे पवित्र पौधा होता है. तुलसी को अगर आप अपने घर में लगाते है तो ये आपके घर को पवित्र करती है. तुलसी की पूजा का विशेष महत्व रहता है. घर में तुलसी लगाने का बहुत महत्व होता है. तुलसी के पौधे को स्वर्ग का पौधा कहा जाता है ऐसा कहा जाता है कि इसे भगवान ने धरती पर लोगो का उदार करने के लिए भेजा है. शायद ही आपको कोई ऐसा घर देखने में मिलेगा जहाँ पर तुलसी का पौधा नही होगा. हर घर में तुलसी का पौधा होता है.
शास्त्रों में तुलसी के पौधे को लक्ष्मी का अवतार माना गया है.
कहा जाता है कि जिस घर में तुलसी की पूजा होती है उस घर में माँ लक्ष्मी का वास होता है. उस घर में कभी भी पैसो की कमी नही होती है और माँ लक्ष्मी की भी असीम कृपा रहती है.
जो व्यक्ति तुलसी की पूजा करता है या फिर उसे छू लेता है. तो वह इन्सान पवित्र हो जाता है. ततुलसी इन्सान को पवित्र करती है. जिस घर में तुलसी होती हैव वहां पर देवी देवता भी निवास करते है और ऐसे घर से नका रात्मक शक्तियाँ भी दूर रहती है. ऐसे घर में हमेशा दैवीय शक्तियाँ विराजमान रहती है.
बहुत सारे लोग घर में तुलसी तो लगा लेते है लेकिन उसकी सही ढंग से देखभाल नही करते है. तुलसी के पौधे के पास अगर सफाई नही की जाए तो ये आपके लिए बुरा परिणाम देता है. तुलसी के पौधे को अगर आप घर में लगा देते है और उसे पानी देना भूल जाते है तो ये सूखने लगता है. इसके बाद या तो वह सूख जाता है या फिर काला पड़ना शुरू हो जाता है. हिन्दू धर्म में तुलसी को लेकर कई तरह के नियमो का वर्णन किया गया है. इन नियमो का पालन करना हर व्यक्ति के लिए बेहद अनिवार्य होता है. ये नियम कौन से है आइए जानते है.
सबसे पहली बात जो है वह ये है कि तुलसी को आपको रविवार को नही छूना चाहिए. इसके अलावा आपको तुलसी के पौधे को एकादशी के दिन या फिर चन्द्रग्रहण के दिन भी नही छूना चाहिए. सबसे जरुरी बात जो है वह है आपको कभी भी सूर्यास्त के बाद पत्तियों को नही तोडना चाहिए. तुलसी की आपको रोजाना पूजा करनी चाहिए और आपको हर शाम को उसके नीचे घी का दीपक जलाना चाहिए. कुछ घरो में तुलसी का पौधा सुख जाता है लोग इसके बाद उस पौधे को फैंक देते है जबकि ऐसा नही करना चाहिए.
जब कभी तुलसी का पौधा सूख जाता है तो आपको उसे फैंकने की बजाय जल में प्रवाहित कर देना चाहिए और उसकी जगह किसी दुसरे तुलसी के पौधे को लगाना चाहिए. तुलसी के पत्तो को आपको कभी भी भगवान गणेश और शिव पर नही चढ़ाना चाहिए. कुछ लोग तुलसी के पत्तो को खाते है लेकिन उन्हें ये नही पता होता है कि तुलसी के पत्तो को चबाना नही चाहिए बल्कि उन्हें पूरा निगल जाना पड़ता है.
पुराणों और शास्त्रों के अनुसार ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जिस घर पर मुसीबत आने वाली होती है उस घर से सबसे पहले लक्ष्मी यानी तुलसी चली जाती है क्योंकि दरिद्रता, अशांति या क्लेश जहां होता है वहां लक्ष्मी का वास नहीं होता अगर ज्योतिष की मानें तो ऐसा बुध के कारण होता है। बुध का प्रभाव हरे रंग पर होता है और बुध को पेड़-पौधों का कारक ग्रह माना जाता है।
बुध ऐसा ग्रह है जो अन्य ग्रहों के अच्छे और बुरे प्रभाव जातक तक पहुंचाता है। अगर कोई ग्रह अशुभ फल देगा तो उसका अशुभ प्रभाव बुध की कारक वस्तुओं पर भी होता है। अगर कोई ग्रह फल देता है तो उसके शुभ प्रभाव से तुलसी का पौधा उत्तरोत्तर बढ़ता रहता है। बुध के प्रभाव से पौधे में फल-फूल लगने लगते हैं।
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शास्त्रों में तुलसी के पौधे को लक्ष्मी का अवतार माना गया है.
कहा जाता है कि जिस घर में तुलसी की पूजा होती है उस घर में माँ लक्ष्मी का वास होता है. उस घर में कभी भी पैसो की कमी नही होती है और माँ लक्ष्मी की भी असीम कृपा रहती है.
जो व्यक्ति तुलसी की पूजा करता है या फिर उसे छू लेता है. तो वह इन्सान पवित्र हो जाता है. ततुलसी इन्सान को पवित्र करती है. जिस घर में तुलसी होती हैव वहां पर देवी देवता भी निवास करते है और ऐसे घर से नका रात्मक शक्तियाँ भी दूर रहती है. ऐसे घर में हमेशा दैवीय शक्तियाँ विराजमान रहती है.
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सबसे पहली बात जो है वह ये है कि तुलसी को आपको रविवार को नही छूना चाहिए. इसके अलावा आपको तुलसी के पौधे को एकादशी के दिन या फिर चन्द्रग्रहण के दिन भी नही छूना चाहिए. सबसे जरुरी बात जो है वह है आपको कभी भी सूर्यास्त के बाद पत्तियों को नही तोडना चाहिए. तुलसी की आपको रोजाना पूजा करनी चाहिए और आपको हर शाम को उसके नीचे घी का दीपक जलाना चाहिए. कुछ घरो में तुलसी का पौधा सुख जाता है लोग इसके बाद उस पौधे को फैंक देते है जबकि ऐसा नही करना चाहिए.
जब कभी तुलसी का पौधा सूख जाता है तो आपको उसे फैंकने की बजाय जल में प्रवाहित कर देना चाहिए और उसकी जगह किसी दुसरे तुलसी के पौधे को लगाना चाहिए. तुलसी के पत्तो को आपको कभी भी भगवान गणेश और शिव पर नही चढ़ाना चाहिए. कुछ लोग तुलसी के पत्तो को खाते है लेकिन उन्हें ये नही पता होता है कि तुलसी के पत्तो को चबाना नही चाहिए बल्कि उन्हें पूरा निगल जाना पड़ता है.
पुराणों और शास्त्रों के अनुसार ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जिस घर पर मुसीबत आने वाली होती है उस घर से सबसे पहले लक्ष्मी यानी तुलसी चली जाती है क्योंकि दरिद्रता, अशांति या क्लेश जहां होता है वहां लक्ष्मी का वास नहीं होता अगर ज्योतिष की मानें तो ऐसा बुध के कारण होता है। बुध का प्रभाव हरे रंग पर होता है और बुध को पेड़-पौधों का कारक ग्रह माना जाता है।
बुध ऐसा ग्रह है जो अन्य ग्रहों के अच्छे और बुरे प्रभाव जातक तक पहुंचाता है। अगर कोई ग्रह अशुभ फल देगा तो उसका अशुभ प्रभाव बुध की कारक वस्तुओं पर भी होता है। अगर कोई ग्रह फल देता है तो उसके शुभ प्रभाव से तुलसी का पौधा उत्तरोत्तर बढ़ता रहता है। बुध के प्रभाव से पौधे में फल-फूल लगने लगते हैं।
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