रक्षाबंधन से पहले गुरु ने बदली चाल रहेंगे वृश्चिक राशि में 4 नवंबर, 8 राशियों के लिए सोने पे सुहागा
15 अगस्त सावन माह की पूर्णिमा और रक्षाबंधन है। इससे पहले रविवार, 11 अगस्त को देव गुरु बृहस्पति ने वृश्चिक राशि में अपनी चाल बदली है।
अब तक ये ग्रह वक्री था यानी उलटा चल रहा था, लेकिन अब सीधा चलने लगेगा। कुछ पंचांग में इस तिथि के संबंध में भेद भी हैं। कुछ ज्योतिषियों के अनुसार गुरु ग्रह 12 अगस्त को वक्री से मार्गी हो रहा है।
धन व ज्ञान के स्वामी देवगुरु बृहस्पति रविवार शाम मार्गी हो गए।धार्मिक कार्य, बौद्धिक क्षमता, पद-प्रतिष्ठा, मान-सम्मान के कारक माने जाने वाले गुरु के मार्गी होने का प्रभाव जनमानस और प्रकृति पर भी नजर आएगा। गुरु को सौम्य माना गया है। जहां इनकी दृष्टि होती है, वहां पाप ग्रहों का प्रभाव कम और परिस्थिति अनुकूल हो जाती है।
इस वजह से गुरु की दृष्टि को अमरत्व माना गया है। कोई भी ग्रह वक्री होता है तो पीछे की तरफ चलते हुए व मार्गी होता है तो आगे की तरफ चलते हुए प्रतीत होता है। गुरु के मार्गी होने का असर राशियों पर नजर आएगा।
अब तक ये ग्रह वक्री था यानी उलटा चल रहा था, लेकिन अब सीधा चलने लगेगा। कुछ पंचांग में इस तिथि के संबंध में भेद भी हैं। कुछ ज्योतिषियों के अनुसार गुरु ग्रह 12 अगस्त को वक्री से मार्गी हो रहा है।
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इस वजह से गुरु की दृष्टि को अमरत्व माना गया है। कोई भी ग्रह वक्री होता है तो पीछे की तरफ चलते हुए व मार्गी होता है तो आगे की तरफ चलते हुए प्रतीत होता है। गुरु के मार्गी होने का असर राशियों पर नजर आएगा।
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