शुक्रवार की रात 10 बजे के बाद एक चौकी पर कलश रखें। कलश के ऊपर शुद्ध केसर से स्वस्तिक का चिह्न बनाकर उसमें पानी भर दें। अब कलश में चावल, दूर्वा और एक रूपया डाल दें। फिर एक छोटी सी प्लेट में चावल भरकर उसे कलश के ऊपर रखें। उसके ऊपर श्रीयंत्र स्थापित कर दें। इसके बाद उसके निकट चौमुखी दीपक जलाकर उसका कुंकुम और चावल से पूजन करें। इसके बाद 10 मिनट तक लक्ष्मी का ध्यान करें। आपकी मनोकामना अवश्य पूरी होगी।
पितृ दोष दूर करने के लिए
अमावस्या के दिन चावल की खीर बनाकर उसमें रोटी चूर लें तथा इसे कौओं के खाने के लिए घर की छत पर रख दें। इस उपाय से घर के पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। अगर कुंडली में किसी प्रकार का पितृ दोष हो तो उसका अशुभ असर भी समाप्त हो जाता है। साथ ही रूके हुए काम बनने लगता है।
कुंडली में चन्द्रमा की अशुभता दूर करता है चावल का यह उपाय
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अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में चंद्र अशुभ हो या किसी दुष्ट ग्रह के प्रभाव से अपना पूरा असर नहीं दे पा रहा है तो ऐसे आदमी को अपनी माता से एक मुट्ठीभर चावल विधिपूर्वक दान ले लेने चाहिए। इससे हमेशा के लिए चन्द्रमा की अशुभवता दूर हो जाती है।
मनचाही इच्छा पूरी करने और समस्त कष्टों से मुक्ति के लिए
इसके लिए आप सुबह किसी शुभ मुहूर्त या पूर्णिमा के दिन चावलों को केसर या हल्दी में रंग कर पीला कर लें। ध्यान रखें कि चावल का कोई भी दाना टूटा हुआ न हो। अब इन चावलों को किसी मंदिर में जाकर भगवान को समर्पित कर दें और उनसे अपनी इच्छा पूरी करने की प्रार्थना करें। जल्दी ही आपकी सभी समस्याएं दूर हो जाएंगी।
चावल से करें लक्ष्मीजी की पूजा
किसी भी दिन शुभ मुहूर्त में अथवा पूर्णिमा के दिन सुबह जल्दी उठ कर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं। इसके बाद लाल रंग का एक रेशमी कपड़ा लेकर उसमें पीले चावल के 21 अखंडित (यानि कोई भी दाना टूटा-फूटा न हो) दाने रखें। चावल को पीला करने के लिए हल्दी या केसर का प्रयोग करें। अब इन दानों को कपड़े में बांध कर मां लक्ष्मीजी के लिए विधिपूर्वक चौकी बनाएं और उस पर रख दें। इसके बाद लक्ष्मीजी की पूजा करें। पूजा के बाद लाल कपड़े में बंधे चावल अपने पर्स में छिपाकर रख लें। ऐसा करने पर महालक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है और धन संबंधी मामलों में चल रही रुकावटें दूर हो जाती हैं।
सूर्यास्त के बाद भूल कर भी चावल ना खाएं
कभी भी सूर्यास्त के बाद चावल नहीं खाना चाहिए। इससे लक्ष्मीजी का अपमान होता है और घर की लक्ष्मी भी रूठ जाती है।
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