पानी दिन भर में कई बार पीना चाहिए और कम से कम आठ गिलास पानी हर किसी वयस्क को पीना चाहिए।
एक बार में एक साथ एक गिलास पानी नहीं पानी चाहिए। दिन भर में कम से कम आठ गिलास पानी पिएं लेकिन गिलास भरकर एक ही बार में ना पिएं। थोड़ा-थोड़ा पानी का ही सेवन करें।
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आयुर्वेद में बताया गया है कि पानी कभी भी खड़े होकर ना पिएं। हमेशा पानी पीते समय बैठ जाएं। बैठते समय मांसपेशियां और नर्वस सिस्टम आराम की मुद्रा में होते हैं ऐसे में पानी पीने से ये आसानी से पच जाता है।
पानी हमेशा नार्मल टेम्परेचर वाला ही पिएं। बहुत ज्यादा ठंडा पानी नुकसान करता है। हो सके तो तो पानी को थोड़ा से गर्म कर लें। अगर ऐसा संभव नहीं है तो सामान्य तापमान वाला पानी ही पिएं। ये पाचन के लिए बेहतर होता है।
आयुर्वेद की मानें तो पानी तभी पानी चाहिए जब प्यास लगे। पिना प्यास के पानी पिएं भी तो थोड़ा सा ही पिएं। हमेशा प्यास लगने पर ही पिएं।
इसके अलावा खाना खाने के तुरंत बाद कभी भी पानी ना पिएं। ये खाने के सभी पोषक तत्वों को शरीर में सही तरह से पहुंचने नहीं देता।
हो सके तो सुबह उठकर खाली पेट पानी पीने की आदत डालें। सुबह खाली पेट पानी पीने से आप दिनभर तरोताजा महसूस करते हैं और कई बीमारियों से लड़ने में मदद मिलती है।
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