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Monday, 13 May 2019

भूनी हुई गोंद 80 साल के बुढ़ापे में भी जवानी भर दे

गोंद का पेड़

अक्सर लोग गोंद के लड्डूओं का सेवन करते है लेकिन गोंद को भून कर खाने से भी कई बीमारियां दूर होती है। प्रोटीन, फाइबर, विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट के गुणों से भरपूर गोंद का सेवन कैंसर से लेकर दिल तक की बीमारियों को दूर करता है। 

 गोंद कतीरा खाने के फायदे 

गोंद क्या है

किसी पेड़ के तने को चीरा लगाने पर उसमे से जो स्त्राव निकलता है वह सूखने पर भूरा और कडा हो जाता है उसे गोंद कहते है। यह शीतल और पौष्टिक होता है। उसमे उस पेड़ के ही औषधीय गुण भी होते है।
 Gond katira tree | Gond k fayde
आयुर्वेदिक दवाइयों में गोली या वटी बनाने के लिए भी पावडर की बाइंडिंग के लिए गोंद का इस्तेमाल होता है। सर्दियों में इसे खाने से पुरानी खांसी, जुकाम, फ्लू और इंफेक्शन जैसी समस्याएं नहीं होती। रोजाना गोंद को भून कर खाने से शरीर अंदर से गर्म रहता है, जो आपको कई बीमारियों से दूर रखता है। आइए जानते है रोजाना भूनी हुई गोंद खाने के फायदे।

गोंद को भुनने की विधि

Step 1
एक पैन में 1/2 टीस्पून तेल गर्म करके उसमें गोंद को भूनें।
Step 2
3-4 मिनट भूननें के बाद गोंद पॉपकॉर्न की तरह फूल जाएंगे।
Step 3
सर्दियों में गोंद से बने लड्डू का सेवन भी बहुत फायदेमंद होता है।

विभिन्न प्रकार के गोंद

Gond Ke Prakar

1 कीकर या बबूल का गोंद (Babool Ki Gond)

कीकर या बबूल का गोंद पौष्टिक होता है।

2 नीम का गोंद (Neem Ki Gond Ke Fayde)

नीम का गोंद रक्त की गति बढ़ाने वाला, स्फूर्तिदायक पदार्थ है। इसे ईस्ट इंडिया गम भी कहते है। इसमें भी नीम के औषधीय गुण होते है।

3 पलाश के गोंद (Palash Ki Gond Ke Fayde)

पलाश के गोंद से हड्डियां मज़बूत होती है।
पलाश का 1 से 3 ग्राम गोंद मिश्रीयुक्त दूध अथवा आँवले के रस के साथ लेने से बल एवं पौरुष में वृद्धि होती है तथा अस्थियाँ मजबूत बनती हैं और शरीर पुष्ट होता है।
यह गोंद गर्म पानी में घोलकर पीने से दस्त व संग्रहणी में आराम मिलता है।
 4 आम की गोंद (Aam Ki Gond Ke Fayde)
आम की गोंद रक्त प्रसादक है। इस गोंद को गरम करके फोड़ों पर लगाने से पीब पककर बह जाती है और आसानी से भर जाता है। आम की गोंद को नीबू के रस में मिलाकर चर्म रोग पर लेप किया जाता है।

5 सेमल का गोंद (Semal Ki Gond Ke Fayde)

सेमल का गोंद मोचरस कहलाता है, यह पित्त का शमन करता है।अतिसार में मोचरस चूर्ण एक से तीन ग्राम को दही के साथ प्रयोग करते हैं। दंत मंजन में मोचरस का प्रयोग किया जाता है।

6 कबीट के पेड़ से गोंद (Kabeet Ki Gond Ke Fayde)

बारिश के मौसम के बाद कबीट के पेड़ से गोंद निकलती है जो गुणवत्ता में बबूल की गोंद के समकक्ष होती है।

7 हींग गोंद (Heeng Ki Gond Ke Fayde)

हिंग भी एक गोंद है जो फेरूला कुल (अम्बेलीफेरी, दूसरा नाम एपिएसी) के तीन पौधों की जड़ों से निकलने वाला यह सुगंधित गोंद रेज़िननुमा होता है । फेरूला कुल में ही गाजर भी आती है। हींग दो किस्म की होती है – एक पानी में घुलनशील होती है जबकि दूसरी तेल में।
किसान पौधे के आसपास की मिट्टी हटाकर उसकी मोटी गाजरनुमा जड़ के ऊपरी हिस्से में एक चीरा लगा देते हैं। इस चीरे लगे स्थान से अगले करीब तीन महीनों तक एक दूधिया रेज़िन निकलता रहता है। इस अवधि में लगभग एक किलोग्राम रेज़िन निकलता है। हवा के संपर्क में आकर यह सख्त हो जाता है कत्थई पड़ने लगता है।
यदि सिंचाई की नाली में हींग की एक थैली रख दें, तो खेतों में सब्ज़ियों की वृद्धि अच्छी होती है और वे संक्रमण मुक्त रहती है। पानी में हींग मिलाने से इल्लियों का सफाया हो जाता है और इससे पौधों की वृद्धि बढ़िया होती।

8 गुग्गुल (Guggul Ki Gond Ke Fayde)

गुग्गुल एक बहुवर्षी झाड़ीनुमा वृक्ष है जिसके तने व शाखाओं से गोंद निकलता है, जो सगंध, गाढ़ा तथा अनेक वर्ण वाला होता है. यह जोड़ों के दर्द के निवारण और धुप अगरबत्ती आदि में इस्तेमाल होता है।
 9 प्रपोलीश (Prapolish Ki Gond Ke Fayde)
यह पौधों द्धारा श्रावित गोंद है जो मधुमक्खियॉं पौधों से इकट्ठा करती है इसका उपयोग डेन्डानसैम्बू बनाने मंच तथा पराबैंगनी किरणों से बचने के रूप में किया जाता है।

10 ग्वार फली (Gwar Phali Ki Gond Ke Fayde)

ग्वार फली के बीज में ग्लैक्टोमेनन नामक गोंद होता है .ग्वार से प्राप्त गम का उपयोग दूध से बने पदार्थों जैसे आइसक्रीम , पनीर आदि में किया जाता है। इसके साथ ही अन्य कई व्यंजनों में भी इसका प्रयोग किया जाता है। ग्वार के बीजों से बनाया जाने वाला पेस्ट भोजन, औषधीय उपयोग के साथ ही अनेक उद्योगों में भी काम आता है।
नोट
इसके अलावा सहजन , बेर , पीपल , अर्जुन आदि पेड़ों के गोंद में उसके औषधीय गुण मौजूद होते है।

भुनी हुई गोंद कतीरा खाने के फायदे

Bhuni Hui Gond Katira Khane Ke Fayde In Hindi

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1 दिल के रोग में गोंद कतीरा खाने के फायदे (Gond For Heart)

इसे भून कर रोजाना सेवन करने से दिल के रोग और हार्ट अटैक के खतका कम होता है। इसके अलावा इसका सेवन मांसपेशियों को भी मजबूत बनाता है।

2 प्रैग्नेंसी में में गोंद कतीरा खाने के फायदे (Gond For Pregnancy)

gond katira for skin
प्रैग्नेंसी में गोंद का सेवन महिलाओं की रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाता है। इसके अलावा इसका सेवन ब्रैस्ट मिल्क को बढ़ाने में भी मदद करता है।
 3 कब्ज में गोंद कतीरा खाने के फायदे (Gond For Constipation)
कब्ज या एसिडिटी की समस्या होने पर 1 चम्मच गोंद का सेवन करें।
दिन में 1 बार इसका सेवन करने से आपकी कब्ज की समस्या दूर दो जाएगी।

4 सर्दी-खांसी में गोंद कतीरा खाने के फायदे (Gond For Cold Cough)

इस प्रयोग को करने से सर्दी, खांसी, जुकाम और बुखार की परेशानी दूर होती है। इसके अलावा इसका सेवन पेट इंफेक्शन के खतरे को भी कम करता है।
क्या करें
गोंद को गर्म पानी के साथ खाएं।

5 प्रतिरोधक क्षमता में गोंद कतीरा खाने के फायदे (Gond For Immunity)

इस प्रयोग को करने से प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। इससे आप कैंसर, डायबिटीज और ब्लड प्रैशर जैसी बीमारियों से बचे रहते है।
क्या करें
सुबह दूध के साथ गोंद का सेवन करें।

6 कमजोरी में गोंद कतीरा खाने के फायदे (Gond For Weakness)

इसका सेवन थकान, कमजोरी, चक्कर आना, उल्टी और माइग्रेन जैसी समस्याओं को दूर करता है।
क्या करें
रोजाना आधे गिलास दूध में गोंद मिलाकर पीएं।
 7 खून की कमी में गोंद कतीरा खाने के फायदे (Gond For Anemia)
गोंद के लड्डू, पंजीरी या चिक्की का सेवन शरीर में खून की कमी को पूरा करते है।
इसके लड्डू का सेवन सर्दियों में शरीर को अंदर से गर्म भी रखता है।
gond ke benefits

महाशक्तिशाली ऊर्जा से भरपूर गोंद के लड्डू के सेवन से 80 वर्ष का बूढ़ा भी कहे की अभी तो में जवाँ हूँ

हमारे बहुत से मित्र हमसे अक्सर वजन बढ़ानें और सेहत को बेहतर बनाने के लिये किसी प्रयोग के बारे में पूछते ही रहते हैं। हमने पहले भी कई बार काफी अच्छे प्रयोग अपडेट किये हैं और आज भी हम एक बहुत ही विशेष प्रयोग जो गोंद बना सर्दियों में सबसे उत्तम है आज पोस्ट कर रहे हैं, विशेष इसलिये क्योंकि यह हमारा खुद बहुत से लोगो पर सफलतापूर्वक आजमाया गया प्रयोग है । खास बात यह कि इसको आप घर पर ही बना सकते हो । आइये पढ़ते हैं इस प्रयोग के बारे में….

गोंद के लड्डू बनाने की विधि

Gond Ke Laddu Banane Ki Recipe In Hindi

Gond Ke Laddu Kaise Banayein | Gond Ke Laddu Ke Fayde

सामग्री

सोयाबीन के दानें – 200 ग्राम
काला देशी चना – 200 ग्राम
उड़द की धुली दाल – 200 ग्राम
सौंफ – 200 ग्राम
अजवायन – 200 ग्राम
अश्वगंधा चूर्ण – 200 ग्राम
शतावरी चूर्ण – 200 ग्राम
बादाम की गिरी – 200 ग्राम
खाने वाली गोंद – 400 ग्राम
देशी खाण्ड़ – 2 किलो ग्राम
गाय के दूध का घी ‌ – जरूरत के अनुसार
 gond ke laddu benefits

बनाने की विधी 

Step 1
सबसे पहले नम्बर 1 से नम्बर 5 तक लिखी चीजों को एक साथ मिलाकर मिक्सी आदि में बारीक पाउडर कर लें और फिर नम्बर 6 और नम्बर 7 की चीजों को भी मिलाकर एक साथ अच्छे से मिला दें।
Step 2
बादाम की गिरियों को छोटे छोटे आकार में काट कर रख लें और देशी खाण्ड को भी अलग से कूटकर रख लें।
Step 3
अब खानें वाली गोंद को थोड़ा दरदरा कूटकर कढ़ाही में में रखकर घी के साथ भून लें और अलग प्लेट में रख लें।
Step 4
सबसे पहले नम्बर पर बनाया गया मिश्रण भी अब कढ़ाही में डालकर घी की जरूरी मात्रा मिलाकर सुनहरा होनें तक भून लें।
Step 5
अब इसको भी उतारकर ठण्डा होने के लिये रख दें। जब ठण्डा हो जाये तो समस्त सामग्रियों को एक बड़े बरतन में ड़ालकर खूब अच्छे से मिलाकर बादाम की गिरियाँ भी मिला ले और समान आकार के 80 लड्डू बना लें ।

गोंद के लड्डू कैसे खाएं

Gond Ke Laddu Kaise Khayein 

गोंद के लड्डू खाने का सही तरीका | गोंद के लड्डू खाने की सही मात्रा

4 से 8 साल तक के बच्चों के लिए

आधा आधा लड्डू सुबह और शाम को दूध के साथ रोज दें ।

8 से 16 साल तक के बच्चों के लिए

एक-एक लड्डू रोज सुबह और शाम को दूध के साथ देना चाहिये ।

16 साल से अधिक आयु के लोगों के लिए

एक दिन में अधिकतम चार लड्डू का सेवन कर सकते हैं ।
•  यह लड्डू स्त्री और पुरुष दोनों ही सेवन कर सकते हैं।

विशेष नोट :

ये सभी सामग्री आपको अपने आस-पास किसी जड़ी-बूटी वाले पंसारी की दुकान पर मिल जायेंगी ।
देशी खाण्ड किराने की दुकान पर अथवा हलवाई के पास आसानी से मिल जाती है।

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