हिंदू धर्म में भगवान श्री कृष्ण को आराध्य देव माना जाता है। जिसके वजह से लोग भगवान श्री कृष्ण की पूजा करते हैं। हमने बचपन से लेकर अब तक कृष्ण की कई सारी कहानिया सुनी है।
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जिसमें भगवान अलग-अलग तरह के चमत्कार दिखाते हैं। किन्तु आज आपको भगवान का एक ऐसा चमत्कार बता रहे है। जिसें आज भी एहसास किया जा सकता है। भारत के दक्षिण में भगवान जगन्नाथ का मंदिर है।
जिसके बारे में कहा जाता है कि इसमें खुद भगवान श्रीकृष्ण का वास है। क्योंकि यहा पर मूर्ति में भगवान के दिल धड़कने को महसूस किया जा सकता है। इसे लेकर पुराणों में भी उल्लेख मिलता है।
कहा जाता है कि द्वापर युग के अंत में भगवान श्री कृष्ण ने अपने मानवीय अवतार का त्याग कर दिया था। और शरीर छोड़कर वैकुंठ की ओर प्रस्थान कर गए थे। जिसके बाद पांडवों ने भगवान के शरीर का अंतिम संस्कार कर दिया था। कहा जाता है अंतिम संस्कार के बाद चिता की अग्नि शांत नहीं हो रही थी।
तो पांडवों ने सोचा कि आखिर ऐसा क्या वजह है। इसी दौरान पांडवों को आकाशवाणी हुई। और कहा गया कि इस अग्नी का पिंड बनाकर जल में प्रवाहित किया जाए। पांडवों ने जलती राख का पिंड बनाया और जल में प्रवाहित कर दिया कहा जाता है। बाद में उस पिंड ने लट्ठे का रूप ले लिया। बहता हुआ दक्षिण भारत की ओर चला गया। यह लट्ठा दक्षिण के राजा इंद्र मन को मिल गया। जो भगवान श्री कृष्ण का बड़ा भक्त था।
जब वहां के राजा को इसकी सच्चाई पता चली तो उसने एक मंदिर का निर्माण करवाकर इसे मंदिर में स्थापित करवा दिया। बता दे कि यहां पर हर 12 साल में भगवान श्री कृष्ण की मूर्ति बनाई जाती है जो लकड़ी की बनी होती है। जिसे लट्टा कहा जाता है। इस लट्ठे को मंदिर में स्थापित करने के समय कई लोगों ने यह महसूस किया है कि उसमे हृदय धड़कने जैसी आवाज आती है। - Source
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